क्या भारत के विश्वविद्यालय सभ्यता की समस्या से जूझ रहे हैं?
Apoorvanand | 21 October 2024 | Satya Hindi
नैक की टीम विश्वविद्यालय आनेवाली है।विश्वविद्यालय में पूरी चौकसी है।शनिवार को भी काम होगा, यह सूचना शुक्रवार की रात तक सब तक पहुँचा दी गई थी। परिसर में दीवारों की पुताई चल रही है। अभी कुछ रोज़ पहले उच्च न्यायालय ने अधिकारियों की इसके लिए झिड़की दी थी कि उन्होंने छात्र संघ चुनाव में प्रत्याशियों को इसकी छूट दी कि वे हर दीवार को पोस्टरों से बदशक्ल करें। उसने आदेश दिया कि उन्हीं से इनकी सफ़ाई का पैसा लिया जाए। वह जब होगा तब होगा,अभी तो विश्वविद्यालय को नैक की टीम के सामने भली शक्ल सूरत में पेश होना चाहिए।
कुछ दिन पहले सुना कि एक छात्रा को इसलिए निलंबित कर दिया गया था कि उसने विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुक़सान पहुँचाया था।कैसे? उसने नीट परीक्षा में घपले के ख़िलाफ़ एक नारा दीवार पर लिख दिया था। इससे बुरा तरीक़ा क्या हो सकता था विश्वविद्यालय की संपत्ति को तबाह करने का जो कि उसकी दीवारें हैं? अधिकारियों ने उसे फ़ौरन सज़ा दी। यह कहते हुए कि चूँकि उस पर पुलिस ने एफ़ आई आर की है, उसे निलंबित किया जा रहा है। यह तर्क समझ से परे था। लेकिन यह देखकर भी आश्चर्य हुआ कि उसका निलंबन विश्वविद्यालय में चर्चा का मुद्दा नहीं बना, बहस या आंदोलन तो छोड़ ही दीजिए…